मेरे पास अपने राज्य और अपने देश के लिए एक दृष्टि है: भूख से मुक्त देश, पानी की कमी से मुक्त एक जगह, एक ऐसी जगह जहां आम आदमी की आवाज सुनी जाती है – अशोक कुमार
मेरी धरती मुझसे पूछ रही,
कब मेरा कर्ज चुकाओगे
मेरा अंबर पूछ रहा,
कब अपना फर्ज निभा ओगे,
मेरा वचन है भारत मां को,
तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा